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May 26 2023, 11:49

उत्तरप्रदेश में आजम खान की सीट से चुन कर आए BJP विधायक को हाई कोर्ट का नोटिस, SP प्रत्याशी ने की चुनाव रद्द करने की मांग

उत्तरप्रदेश में मोहम्मद आजम खान की सीट से निर्वाचित रामपुर से बीजेपी विधायक आकाश सक्सेना को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने नोटिस जारी किया है। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सपा प्रत्याशी आसिम राजा की चुनाव याचिका पर नोटिस जारी किया है। सपा प्रत्याशी आसिम राजा ने चुनाव याचिका में रामपुर से चुने गए बीजेपी विधायक आकाश सक्सेना पर करप्ट प्रैक्टिस का आरोप लगाया गया है।

आरोप है कि बीजेपी प्रत्याशी आकाश सक्सेना ने वोटरों को घर से बाहर निकलने नहीं दिया। याचिका में सपा प्रत्याशी आसिम राजा ने आरोप लगाया कि पुलिस ने भी लाल पर्ची का डर दिखाकर वोटरों को वोट नहीं देने दिया। सपा प्रत्याशी आसिम राजा की ओर से आरोप लगाया कि चुनाव के दिन विशेष समुदाय के वोटरों को टारगेट किया गया और उन्हें उनके संवैंधानिक वोट देने के अधिकार से वंचित रखा गया, वोटर्स को पोलिंग बूथ तक नहीं पहुंचने दिया गया। इसके अलावा उन्होंने आरोप लगाया है कि वोटर्स को डराया-धमकाया गया है। याचिका में बताया गया ये सभी उनके समुदाय के उनके कैडर वोटर्स थे।

सपा प्रत्याशी आसिम राजा का आरोप है कि जिन्हें वोट देने से रोका गया उनमें ज्यादातर वोटर उनके थे। इस मामले में निर्वाचन आयोग से भी उन्होंने शिकायत की थी। सपा प्रत्याशी आसिम राजा ने चुनाव याचिका में बीजेपी विधायक आकाश सक्सेना का निर्वाचन रद्द करने की मांग की गई है।

मामले पर अगस्त में होगी सुनवाई

सपा प्रत्याशी आसिम राजा की याचिका पर गुरुवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने संज्ञान लेते हुए रामपुर से बीजेपी विधायक आकाश सक्सेना को नोटिस जारी किया है। याचिका पर अधिवक्ता एम ए हसीन और कमरुल हसन सिद्दीकी ने अपने मुव्वकिलों का पक्ष रखा। जस्टिस संजय कुमार सिंह की सिंंगल बेंच में मामले की सुनवाई हुई। अगस्त के पहले हफ्ते में इलाहाबाद हाई कोर्ट इस मामले की अगली सुनवाई करेगा।

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May 26 2023, 11:46

दिग्गज अभिनेता आशीष विद्यार्थी ने असम की रूपाली बरुआ के साथ की दूसरी शादी, बोले, रूपाली से फिर से मिला प्यार

राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता अभिनेता की शादी पहले गुजरे जमाने की अभिनेत्री शकुंतला बरुआ की बेटी राजोशी बरुआ से हुई थी। विद्यार्थी की दूसरी पत्नी रूपाली, जो गुवाहाटी से हैं, कोलकाता में एक अपस्केल फैशन स्टोर से जुड़ी हैं।

दिग्गज अभिनेता आशीष विद्यार्थी ने गुरुवार, 25 मई को एक निजी समारोह में असम की रूपाली बरुआ के साथ शादी कर ली है। कई हिंदी, तेलुगु, तमिल, कन्नड़, मलयालम और अधिक क्षेत्रीय फिल्मों में दिखाई देने वाले अभिनेता को रूपाली में फिर से प्यार मिला है। आशीष विद्यार्थी की यह दूसरी शादी है। राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता अभिनेता की शादी पहले गुजरे जमाने की अभिनेत्री शकुंतला बरुआ की बेटी राजोशी बरुआ से हुई थी। विद्यार्थी की दूसरी पत्नी रूपाली, जो गुवाहाटी से हैं, कोलकाता में एक अपस्केल फैशन स्टोर से जुड़ी हैं। 

परिवार और करीबी दोस्तों की मौजूदगी में आशीष और रूपाली ने चुपचाप रजिस्ट्री मैरिज की। शादी दो संस्कृतियों का एक आदर्श मिश्रण थी। रुपाली ने सुबह 6.30 बजे तैयार होना शुरू किया और आशीष के सफेद और सोने के मुंडू केरल से जुड़ने के लिए खुद को एक सुंदर सफेद मेखला में सजाया। उन्होंने मेखला को सोने के मंदिर के आभूषणों के साथ जोड़ा। 60 साल की उम्र में शादी करने के बारे में अपनी भावनाओं को साझा करने वाले अभिनेता ने कहा कि मेरे जीवन के इस पड़ाव पर, रूपाली से शादी करना एक असाधारण एहसास है। हमने सुबह कोर्ट मैरिज की, उसके बाद शाम को गेट-टुगेदर हुआ।

हालांकि, दोनों की मुलाकात कैसे हुई थी, यह सभी जानना चाहते हैं। इसपर उन्होंने कहा कि हम कुछ समय पहले मिले थे और इसे आगे बढ़ाने का फैसला किया। लेकिन हम दोनों चाहते थे कि हमारी शादी एक छोटा पारिवारिक मामला हो। आशीष विद्यार्थी बॉलीवुड में अपनी खलनायक की भूमिकाओं के लिए लोकप्रिय हैं। उन्होंने भारतीय सिनेमा में कई फिल्मों में काम किया है। अभिनेता का जन्म 19 जून, 1962 को दिल्ली में हुआ था। द्रोहकाल के लिए इन्हें राष्ट्रीय पुरस्कार मिला था। विद्यार्थी ने 300 से अधिक फिल्मों में 11 भाषाओं में काम किया है।

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May 26 2023, 11:45

नया संसद भवन उद्घाटन को तैयार, 96 साल पुरानी विरासत, अंग्रेजी हुकूमत में बने पुराने संसद भवन का अब क्या होगा? यहां पढ़िए डिटेल में पूरी खबर

राजधानी दिल्ली में नए संसद भवन की इमारत बनकर तैयार हो गई है। इसका निर्माण पुराने संसद भवन के ठीक बगल में किया गया है। आगामी 28 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उद्घाटन करेंगे। आपको बता दें कि वर्तमान की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए नए संसद का निर्माण कराया गया है। इसमें आधुनिकता और डिजीटल सुविधाओं की व्यव्सथा की गई है। ऐसे में एक सवाल है, जो सभी के मन में पैदा हो रहा है। वो ये कि अब संसद भवन की पुरानी इमारत का क्या होगा? आज से 96 साल पहले अंग्रेजी शासनकाल में बनाई गई इमारत को गिरा दिया जाएगा या फिर इसमें दूसरे कार्यों का संचालन किया जाएगा? आइए जानते हैं कि पुरानी संसद भवन की इमारत का क्या होगा?

बता दें कि संसद भवन की पुरानी इमारत अंग्रेजी हुकूमत के दौरान वर्ष 1927 में बनाई गई थी। उस दौरान इसके निर्माण में लगभग 83 लाख रूपए का खर्च आया था। यह 47,500 हजार वर्ग मीटर में बनी हुई है। इसका निर्माण वर्ताकार में करवाया गया। पुराने संसद भवन में लोकसभा के लिए 543 सीटें, जबकि राज्यसभा के लिए 250 सीटें हैं।

पुराने संसद भवन का क्या होगा?

संसद की पुरानी इमारत को ढहाया नहीं जाएगा बल्कि इसे संरक्षित किया जाएगा। रिपोर्ट्स के मुताबिक, सरकार इसके पुरातात्विक महत्त्व को देखते हुए इसे संरक्षित रखने का विचार कर रही है। इस इमारत का इस्तेमाल संसद से जुड़े कार्यक्रमों के आयोजन के लिए किया जाएगा। संसद भवन के निर्माण के बाद अभी इस्तेमाल हो रहे संसद भवन को संग्रहालय के रूप में तब्दील किया जाएगा।

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May 25 2023, 19:49

जान लीजिए, पद्मा सुब्रमण्यम की एक चिट्ठी से खुला सेंगोल का राज, माउंटबेटन ने सत्ता हस्तांतरण के प्रतीक के तौर पर सेंगोल सौंपा था पंडित नेहरू को

पीएम मोदी के आदेश के बाद सेंगोल को खोजने में लगा दो साल, नए संसद भवन में सेंगोल किया जाएगा स्थापित।

1947 में सत्ता हस्तांतरण का प्रतीक बना सेंगोल नए संसद भवन में स्थापित होगा। यह भी सेंगोल है जिसे साल 1947 में आजादी के वक्त आखिरी वायसराय माउंटबेटन ने सत्ता हस्तांतरण के प्रतीक के तौर पर पंडित नेहरू को सौंपा था। नामित सेंगोल इलाहाबाद संग्रहालय में सुरक्षित है। यह सेंगोल एक ऐसी महत्वपूर्ण धरोहर है , जिसे भुला दिया गया था। आजादी के बाद से अब तक कुछ गिने - चुने लोग ही थे जो इसके महत्व को जानते थे।

  गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को प्रेस कांफ्रेंस कर सेंगोल के बारे में जानकारी दी और इसके महत्व के बारे में बताया। इस दौरान यह भी बताया गया कि अब तक सेंगोल कहां और किस हालत में था। आखिर इतने दिन सेंगोल कहां था और पीएमओ को इसकी जानकारी कहां से मिली ? सेंगोल के बारे में जानकारी देते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने बताया कि पदाधिकारियों को सेंगोल ढूंढने का टास्क खुद पीएम मोदी ने दिया था।

उन्होंने नए संसद भवन के निर्माण के दौरान इससे जुड़े सभी तथ्य और इतिहास पर रिसर्च करने के आदेश दिए थे। उन्हें सेंगोल के बारे में एक चिट्ठी से जानकारी हुई थी। इस चिट्टी को बहुचर्चित नृत्यांगना पद्मा सुब्रह्मण्यमने प्रधानमंत्री कार्यालय को लिखा था।

  

प्रधानमंत्री कार्यालय को सेंगोल के बारे में तकरीबन दो साल पहले पता चला था। चर्चित नृत्यांगना पद्मा सुब्रमण्यम ने पीएमओ को लिखी चिट्ठी में इसका जिक्र किया था। द हिंदू की एक रिपोर्ट के हिसाब से पद्मा सुब्रमण्यम ने इस चिट्ठी में सेंगोल के महत्व के बारे में जानकारी दी थी। इसके लिए उन्होंने एक तमिल मैगजीन में प्रकाशित आर्टिकल का हवाला भी दिया था। इस आर्टिकल में इस बात का जिक्र था कि 14 अगस्त 1947 की रात को सत्ता हस्तांतरण के तौर पर जवाहर लाल नेहरू ने सेंगोल को स्वीकार किया था।

    

पद्मा सुब्रमण्यम भरतनाट्यम की प्रसिद्ध नृत्यांगना हैं। उनका जन्म 1943 में हुआ था। पिता प्रसिद्ध फिल्म निर्माता थे और मां संगीतकार। पद्मा सुब्रमण्यम ने अपने पिता के डांस स्कूल में महज 14 साल की उम्र में ही बच्चों को डांस सिखाना शुरू कर दिया था। उन्हें अब तक कई अवार्ड और पुरस्कार मिल चुके हैं। 1983 में वह संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार जीत चुकी हैं। इसके अलावे उन्हें 1981 और 2003 में क्रमश: पद्मश्री और पद्मभूषण पुरस्कार भी मिल चुके हैं। इसके अलावे सोवियत संघ की ओर से नेहरू पुरस्कार और एशिया में विकास और सद्भाव के लिए जापान के फुकुओका का एशियाई संस्कृति पुरस्कार मिला है।

 इस अमूल्य धरोहर के बारे में बताने वाला आर्टिकल मई 2021 में प्रकाशित हुआ था। एक रिपोर्ट के मुताबिक जब पद्मा सुब्रमण्यम ने इसे पढ़ा तो उन्हें इस बात का अहसास हुआ कि इस धरोहर के बारे में सबको जानना चाहिए। इसके बाद ही उन्होंने पीएमओ को चिट्टी लिखकर यह मांग की थी कि पीएम को इसके बारे में देशवासियों को बताना चाहिए।

पीएमओ ने चिट्ठी को गंभीरता से लिया। पीएम मोदी को इसकी जानकारी दी गई। खास तौर पर पीएम मोदी ने सेंगोल को ढूंढने का आदेश दिया। अफसरों की टीम ने इंदिरा गांधी नेशनल सेंटर फॉर आर्ट की मदद से इसकी खोज शुरू कर दी। लेकिन कुछ पता नहीं चल पा रहा था। इसके बाद नेशनल अभिलेखागार में उस समय से अखबारों को ढूंढ गया। इससे पता चला कि सेंगोल को तमिलनाडु के वुम्मिडी बंगारू फैमिली ने बनाया था। अफसरों की टीम ने जब बंगारु फैमिली से बात की तब उन्होंने बताया कि सेंगोल को उन्होंने ही बनाया था। लेकिन अब वह कहां है इसके बारे में उन्हें पता नहीं है। इसके बाद देश भर के अन्य म्यूजियम में भी इसके बारे में पता लगाने का आदेश दिया गया। सेंगोल कैसा दिखता है इसकी जानकारी भी बेहद कम लोगों के पास थी।

 

आखिरकार सेंगोल नुमा एक छड़ी इलाहाबाद के आनंद भवन में मिल गई। किसी को पता नहीं था कि यही सेंगोल है। पत्र - पत्रिकाओं में भी इसकी फोटो नहीं थी। आखिरकार इस सेंगोल के चित्र को तमिलनाडु के उन्हीं बंगारु फैमिली के पास ले जाया गया तब उन्होंने उस कलाकृति को पहचान लिया। उनके पास इसकी फोटो भी थी। दरअसल 1947 में वुम्मिडी एथुराजुलू और वुम्मिडी सुधाकर ने अन्य शिल्पकारों के साथ मिलकर इसे बनाया था। उस समय सोने - चांदी से निर्मित सेंगोल की लागत 15 हजार से अधिक थी। अब वे दोनों भाई भी 28 मई को होने निर्धारित कार्यक्रम का भी हिस्सा बनेंगे।

 सेंगोल शब्द " सेम्मई " से आया है। इसका अर्थ होता है " नीति परायणता "। सेंगोल एक प्रकार का राजदंड है। 09 वीं सदी में चोल राजवंश में सेंगोल के जरिए सत्ता का हस्तांतरण होता था। साल 1947 में सी. राजगोपालाचारी ने पंडित नेहरू को सेंगोल के जरिए सत्ता हस्तांतरण का सुझाव दिया था। उन्होंने इस सुझाव को स्वीकार कर इसी तरह से माउंटबेटन से सत्ता ग्रहण किया।

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May 25 2023, 18:36

*शरद पवार से मिले अरविंद केजरीवाल, अध्यादेश के खिलाफ मांगा समर्थन*

#arvindkejriwaltomeetncpchiefsharad_pawar

एक तरफ बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विपक्ष को एकजुट करने में जुटे हुए हैं। इस क्रम में नीतीश एक-एक कर अलग-अलग पार्टियों के नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं। वहीं, दूसरी तरफ दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक अरविंद केजरीवाल भी विपक्ष को एकमत करने की कोशिश में लगे हुए हैं।दरअसल, दिल्ली में सेवाओं के नियंत्रण पर केंद्र सरकार के अध्यादेश के खिलाफ समर्थन जुटाने के लिए अरविंद केजरीवाल देशव्यापी दौरे पर हैं। इसी कड़ी में केजरीवाल ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के अध्यक्ष शरद पवार से मुलाकात की।

केजरीवाल गुरुवार को वह अपनी पार्टी के टॉप नेताओं के साथ एनसीपी चीफ शरद पवार से मिलने महाराष्ट्र पहुंचे। केजरीवाल की टोली में इस दौरान पंजाब के सीएम भगवंत मान, आप के सांसद राघव चड्ढा, दिल्ली की मंत्री आतिशी और कुछ और लोग शामिल थे, जिनकी यशवंत राव चह्वाण सेंटर के भीतर बंद कमरे में काफी देर तक पवार से बातचीत हुई।

...तब यह 2024 के आम चुनाव का सेमिफाइनल होगा-केजरीवाल

मीटिंग के बाद केजरीवाल ने पवार के साथ संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया- एनसीपी ने हमें आश्वासन दिया है कि वह हमारा समर्थन (केंद्र के अध्यादेश के सिलसिले में) करेंगे। हम सभी गैर-बीजेपी दलों की ओर से समर्थन जुटाने की कोशिश कर रहे हैं। आगे केजरीवाल ने कहा, "अगर संसद के उच्च सदन राज्य सभा में इस बिल को हरा दिया गया, तब यह 2024 के आम चुनाव का सेमिफाइनल होगा।

अब खड़गे और राहुल से मुलाकात की बारी

अरविंद केजरीवाल ने मीडिया से कहा, जो लड़ाई 8 साल में हमने जीती उसे केंद्र सरकार ने 8 दिन में अध्यादेश लाकर निरस्त कर दिया। ये दिल्ली की लड़ाई नहीं है, ये पूरे संघीय संरचना की लड़ाई है। कल, मैं इस मुद्दे पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी से मिलने के लिए समय मांगूंगा।अध्यादेश के खिलाफ समर्थन जुटाने के लिए केजरीवाल उद्धव ठाकरे, ममता बनर्जी और नीतीश कुमार से भी मिल चुके हैं। सभी नेताओं ने संसद में केजरीवाल का समर्थन करने की बात कही है। उधर, केजरीवाल के समर्थन को लेकर कांग्रेस दो धड़ों में बंटी नजर आई। पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल अध्यादेश के खिलाफ आप को समर्थन देने की बात कही। वहीं, दिल्ली में पार्टी के नेता अजय माकन ने समर्थन से इनकार किया।

शरद पवार बोले- देश में संकट है

एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा कि देश में संकट है और यह दिल्ली तक सीमित मुद्दा नहीं है। एनसीपी और महाराष्ट्र की जनता केजरीवाल का समर्थन करेगी। हम केजरीवाल का समर्थन करने के लिए अन्य नेताओं से भी बात करेंगे। हमें सभी गैर-भाजपा पार्टियों को एक साथ लाने पर ध्यान देना चाहिए।

यह है मामला

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले बाद केंद्र सरकार एक अध्यादेश लाया, जिसने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को एकदम पलट कर रख दिया है। अदालत ने जहां सभी अधिकार मुख्यमंत्री को दिए थे, वहीं ट्रांसफर और पोस्टिंग के मामले में केंद्र सरकार ने अध्यादेश के जरिये सभी अधिकार वापस उपराज्यपाल को दे दिए हैं। अब इसी अध्यादेश के खिलाफ केजरीवाल मोदी सरकार के खिलाफ विपक्ष को जोड़ने और अपने लिए समर्थन मांगने की कवायद में जुटे हुए हैं। केजरीवाल चाहते हैं कि जब यह अध्यादेश बिल के रूप में केंद्र सरकार राज्यसभा में लाए तब पूरा विपक्ष एकजुट होकर इसका विरोध करे। ताकि यह कानून न बन सके।

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May 25 2023, 18:02

पंजाब के सीएम भगवंत मान को केंद्र ने दी जेड -प्लस सुरक्षा, 55 जवान होंगे तैनात

#punjabcmbhagwantmannzplussecurity

पंजाब के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के नेता भगवंत मान को केंद्र सरकार ने जेड प्लस श्रेणी की सुरक्षा दी है।भगवंत मान को जेड-प्लस सुरक्षा कवर देश-विदेश और खालिस्तानी आतंकियों से संभावित खतरों के मद्देनजर दिया गया है।सीएम मान के पास पहले से ही पंजाब पुलिस का सुरक्षा कवर है। ऐसे में सीआरपीएफ का जेड+ कवर मिलने से उनके सुरक्षा लेयर डबल हो गई है।

10एनएसजी कमांडो के साथ 55 की तैनाती

जेड+ सुरक्षा मिलने के बाद अब सीएम भगवंत मान की सुरक्षा में 55 कमांडो तैनात होंगे। इसमें 10 से ज्यादा एनएसजी कमांडो शामिल होंगे। इन कमांडो को विशेषज्ञ मार्शल आर्ट और निहत्थे युद्ध प्रशिक्षण प्राप्त होता है। इसके अलावा सुरक्षा व्यवस्था में भी कई बदलाव होंगे। जैसे कि अखिल भारतीय अग्रिम सुरक्षा संपर्क सुरक्षा प्राप्त व्यक्ति, उसकी आवाजाही के लिए बैलिस्टिक रेटिंग वाहन और जैमर, और उसके लिए हर समय पुख्ता समीपस्थ सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी।

सीएम के करीबी परिवार के सदस्यों को भी मिलेगी सुरक्षा

जेड-प्लस सुरक्षा कवर का मतलब है कि जवान सिर्फ सीएम मान की ही नहीं, बल्कि मुख्यमंत्री आवास और उनके करीबी परिवार के सदस्यों की भी सुरक्षा करेंगे। सूत्रों ने बताया कि पंजाब में खालिस्तानी गतिविधियों के मद्देनजर सीएम मान पर खतरे को लेकर एक रिपोर्ट तैयार की गई थी। इसके बाद केंद्रीय खुफिया और सुरक्षा एजेंसियों ने भगवंत मान के लिए इस तरह के सुरक्षा कवच की सिफारिश की थी।

अमृतपाल की गिरफ्तारी के बाद लिया गया सुरक्षा बढ़ाने का फैसला

पंजाब के सीएम की सुरक्षा बढ़ाने का ये अहम फैसला 'वारिस पंजाब दे' के चीफ और खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल सिंह की गिरफ्तारी के बाद लिया गया है। पंजाब में करीब 36 दिन की फरारी काटने के बाद अमृतपाल सिंह को आखिरकार जरनैल सिंह भिंडरांवाला के गांव रोडे से पंजाब पुलिस ने गिरफ्तार किया था। इसके बाद से ही वो असम ही डिब्रूगढ़ जेल में अपने 9 करीबी साथियों के साथ बंद है।

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May 25 2023, 16:11

कोरोना के बाद अब पूरी दुनिया में एक और घातक महामारी का अाने वाला है साया, डब्ल्यूएचओ के प्रमुख ने दी चेतावनी, कहा, सामूहिक लड़ाई के लिए रहें तैय


अभी कोरोना की मार का डर गया नहीं कि दुनिया पर एक और घातक महामारी का खतरा मंडरा रहा है। यह महामारी कोरोना से भी घातक बताई जा रही है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के प्रमुख डॉ. टेड्रोस अदनोम घेब्रेयसस ने चेतावनी जारी की है। घेब्रेयसस मंगलवार को 76वीं विश्व स्वास्थ्य सभा में शामिल हुए। वहां एक रिपोर्ट पेश करते हुए उन्होंने यह टिप्पणी की। डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने कहा, "ऐसा लगता है कि दुनिया भर में कोविड का प्रकोप खत्म हो गया है, लेकिन ऐसा नहीं है। एक अन्य प्रकार की महामारी की संभावना बनी हुई है। जिससे मरीजों और मौतों की संख्या में काफी इजाफा होगा। इसके अलावा कोविड से भी ज्यादा घातक वायरस के फैलने की भी आशंका है।"

घेब्रेयसस ने कहा कि इस बात से दुनिया को यह आत्मसंतुष्ट होने की जरूरत नहीं है कि कोविड महामारी खत्म हो गई है। उन्होंने आम लोगों को भी अपनी देखभाल करने और सावधान रहने का संदेश दिया।

उन्होंने कहा, "अब कोविड की चिंता मत कीजिए। कोविड महामारी चिंता का एकमात्र कारण नहीं है। हमें हर स्थिति के लिए तैयार रहना होगा। अगली महामारी बहुत जल्द दस्तक देने वाली है। तब हम सभी को सामूहिक रूप से उस महामारी से लड़ने के लिए तैयार रहना होगा।"

डेली मेल की एक अन्य रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि डब्ल्यूएचओ ने नौ प्राथमिक बीमारियों की पहचान की है जो सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए सबसे बड़ा जोखिम पैदा करती हैं। उपचार की कमी या महामारी पैदा करने की उनकी क्षमता के कारण इन बीमारियों को जोखिम भरा माना जाता है।

द मिरर ने उनके हवाले से कहा, "दुनिया हैरान थी और कोविड-19 महामारी के लिए तैयार नहीं थी, जो सदी में सबसे गंभीर स्वास्थ्य संकट है।" कोविड-19 महामारी के लिए वैश्विक आपातकालीन स्थिति को समाप्त करने के बाद बोलते हुए टेड्रोस ने कहा कि यह अगली महामारी को रोकने के लिए बातचीत को आगे बढ़ाने का समय है।

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May 25 2023, 16:09

नए संसद भवन के उद्घाटन के बहिष्‍कार पर रविशंकर प्रसाद का पलटवार, पूछा-शिलान्यास में क्यों नहीं आई कांग्रेस?

#bjpleadersonoppositionboycottingtheinaugurationofnewparliamentbuilding

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार 28 मई को देश के नए संसद भवन का उद्घाटन करेंगे। लेकिन 19 विपक्षी दलों ने इस उद्घाटन समारोह का बहिष्कार करने की घोषणा की है। उनकी मांग है कि नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति के द्वारा किया जाना चाहिए। इसको लेकर बीजेपी नेता रविशंकर प्रसाद ने कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों पर निशाना साधा है।

रविशंकर प्रसाद ने पूछा कि उद्घाटन समारोह पर राजनीति कर रही कांग्रेस नए भवन के शिलान्यास में क्यों नहीं आई थी। बीजेपी ने कहा है कि कांग्रेस को परेशानी उद्घाटन की नहीं है, कांग्रेस की परेशानी प्रधानमंत्री मोदी हैं। रविशंकर ने आगे कहा कि हम आज भी कांग्रेस और विपक्ष के नेताओं से कहेंगे कि आप संसद के उद्घाटन समारोह में आइए।रविशंकर ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री भी संवैधानिक दायित्व रखते हैं। कांग्रेस अपना ह्रदय बड़ा करेगी तो अच्छा रहेगा।

रविशंकर कांग्रेस से खास अपील

रविशंकर प्रसाद ने कहा, विपक्ष के नेताओं से कहेंगे कि आप आइए, संसद देश का मुकुट है। जब संख्या बढ़ेगी तब तो बैठने जगह होनी चाहिए। भारत को भारतीयों के द्वारा बनाया गया संसद क्यों नही मिलना चाहिए। 75 साल में हमने क्या बनाया, भारत की संसद में भारत का परिचय मिल रहा है। सेंगोल गर्व की परंपरा है। कांग्रेस से कहूंगा कि सेंगोल की परंपरा तो आप से भी जुड़ी हुई है, उसी को देखने आ जाइए।

सीतारमण ने की रुख बदल समारोह में भाग लेने की अपील

इस बीच, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का बयान भी सामने आया है। विपक्षी के बहिष्कार को लेकर उन्होंने कहा, यह लोकतंत्र का मंदिर है, यहां तक कि प्रधानमंत्री ने भी अपने कदमों पर झुककर संसद में प्रवेश किया। मैं (विपक्ष से) विनम्रता पूर्वक अपील करती हूं कि कृपया फिर से सोचें, अपना रुख बदलें और समारोह में भाग लें। 

आपके पास अपने लिए अलग मानक हैं और दूसरों के लिए अलग-पूरी

नए संसद भवन के उद्घाटन का कांग्रेस सहित विपक्ष द्वारा बहिष्कार किए जाने पर केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा, उन्होंने (विपक्षी दलों ने) संविधान से कुछ अनुच्छेद बोले और उस आधार पर हमें सलाह दे रहे। उस समय भी इंदिरा गांधी ने (संसद के उपभवन के उद्घाटन के दौरान) किया था। आपके पास अपने लिए अलग मानक हैं और दूसरों के लिए अलग। यह देश और किसी भी व्यक्ति के जीवन में एक बार आने वाला क्षण है। फुटनोट में कहीं लिखा जाएगा कि इन लोगों द्वारा संसद भवन के खुलने के कार्यक्रम का बहिष्कार किया था।

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May 25 2023, 16:09

नए संसद भवन के उद्घाटन के बहिष्‍कार पर रविशंकर प्रसाद का पलटवार, पूछा-शिलान्यास में क्यों नहीं आई कांग्रेस?*

#bjpleadersonoppositionboycottingtheinaugurationofnewparliamentbuilding

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार 28 मई को देश के नए संसद भवन का उद्घाटन करेंगे। लेकिन 19 विपक्षी दलों ने इस उद्घाटन समारोह का बहिष्कार करने की घोषणा की है। उनकी मांग है कि नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति के द्वारा किया जाना चाहिए। इसको लेकर बीजेपी नेता रविशंकर प्रसाद ने कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों पर निशाना साधा है।

रविशंकर प्रसाद ने पूछा कि उद्घाटन समारोह पर राजनीति कर रही कांग्रेस नए भवन के शिलान्यास में क्यों नहीं आई थी। बीजेपी ने कहा है कि कांग्रेस को परेशानी उद्घाटन की नहीं है, कांग्रेस की परेशानी प्रधानमंत्री मोदी हैं। रविशंकर ने आगे कहा कि हम आज भी कांग्रेस और विपक्ष के नेताओं से कहेंगे कि आप संसद के उद्घाटन समारोह में आइए।रविशंकर ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री भी संवैधानिक दायित्व रखते हैं। कांग्रेस अपना ह्रदय बड़ा करेगी तो अच्छा रहेगा।

रविशंकर कांग्रेस से खास अपील

रविशंकर प्रसाद ने कहा, विपक्ष के नेताओं से कहेंगे कि आप आइए, संसद देश का मुकुट है। जब संख्या बढ़ेगी तब तो बैठने जगह होनी चाहिए। भारत को भारतीयों के द्वारा बनाया गया संसद क्यों नही मिलना चाहिए। 75 साल में हमने क्या बनाया, भारत की संसद में भारत का परिचय मिल रहा है। सेंगोल गर्व की परंपरा है। कांग्रेस से कहूंगा कि सेंगोल की परंपरा तो आप से भी जुड़ी हुई है, उसी को देखने आ जाइए।

सीतारमण ने की रुख बदल समारोह में भाग लेने की अपील

इस बीच, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का बयान भी सामने आया है। विपक्षी के बहिष्कार को लेकर उन्होंने कहा, यह लोकतंत्र का मंदिर है, यहां तक कि प्रधानमंत्री ने भी अपने कदमों पर झुककर संसद में प्रवेश किया। मैं (विपक्ष से) विनम्रता पूर्वक अपील करती हूं कि कृपया फिर से सोचें, अपना रुख बदलें और समारोह में भाग लें। 

आपके पास अपने लिए अलग मानक हैं और दूसरों के लिए अलग-पूरी

नए संसद भवन के उद्घाटन का कांग्रेस सहित विपक्ष द्वारा बहिष्कार किए जाने पर केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा, उन्होंने (विपक्षी दलों ने) संविधान से कुछ अनुच्छेद बोले और उस आधार पर हमें सलाह दे रहे। उस समय भी इंदिरा गांधी ने (संसद के उपभवन के उद्घाटन के दौरान) किया था। आपके पास अपने लिए अलग मानक हैं और दूसरों के लिए अलग। यह देश और किसी भी व्यक्ति के जीवन में एक बार आने वाला क्षण है। फुटनोट में कहीं लिखा जाएगा कि इन लोगों द्वारा संसद भवन के खुलने के कार्यक्रम का बहिष्कार किया था।

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May 25 2023, 15:22

गगनचुंबी इमारतों के बोझ तले डूब रहा अमरीका का बड़ा शहर न्यूयॉर्क, वैज्ञानिकों ने कहा, जलवायु संकट और मानवीय हस्तक्षेप के कारण उत्पन्न हो रही यह स्थिति, संभलना आवश्यक



अमेरिकी शहर न्यूयार्क उत्तरी-पूर्वी हिस्से में अटलांटिक महासागर के किनारे और हडसन नदी के मुहाने पर स्थित है। यह अमेरिका का सबसे बड़ा और प्रमुख नगर है। एक नई स्टडी में यह खुलासा हुआ है कि न्यूयॉर्क शहर अपनी सभी इमारतों के सामूहिक भार की वजह से नीचे डूब रहा है। हालांकि, यह एक क्रमिक प्रक्रिया है, जो ऐसे शहर के लिए मुसीबत खड़ी कर सकती है, जिसके चारों ओर समुद्र है। समुद्र का जल स्तर वैश्विक दर से दोगुनी गति से तेजी से बढ़ रहा है। वैज्ञानिकों ने अनुमान जताया है कि 2050 तक वैश्विक समुद्र का स्तर 8 इंच से 30 इंच तक बढ़ सकता है।

वैज्ञानिकों ने यह भी कहा है कि जलवायु संकट और मानवीय हस्तक्षेप के कारण कई इलाकों में नॉरएस्टर और चक्रवाती तूफान लगातार और अत्यधिक वर्षा की घटनाएं बारंबार हो सकती हैं। यूएस जियोलॉजिकल सर्वे की एक स्टडी में जियोफिजिस्ट, मुख्य शोधकर्ता और लेखक टॉम पार्सन्स ने कहा, "हम लगातार समुद्र से दूर जा रहे हैं।"

जर्नल अर्थ्स फ्यूचर में प्रकाशित पेपर

जर्नल अर्थ्स फ्यूचर में प्रकाशित पेपर का उद्देश्य यह दिखाना है कि तटीय, रिवरफ्रंट या लेकफ्रंट क्षेत्रों में ऊंची इमारतें भविष्य में बाढ़ के जोखिम में कैसे योगदान दे सकती हैं और संभावित खतरनाक प्रभावों को कम करने के लिए क्या उपाय किए जाने चाहिए? स्टडी रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि न्यूयॉर्क में सैंडी और इडा के साथ कुछ प्रमुख तूफान की घटनाएं हाल में हुई हैं, जहां भारी बारिश से शहर में बाढ़ आ गई है, और शहरीकरण के कुछ प्रभावों की वजह से नदी का कुछ पानी शहर के अंदर आ गया।

न्यूयॉर्क का वजन लगभग 1.68 ट्रिलियन पाउंड

न्यूयॉर्क के डूबने के बारे में शोधकर्ताओं ने मौजूदा समय में शहर के पांच उपनगरों में मौजूद 1,084,954 इमारतों के द्रव्यमान की गणना की और इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि उनका वजन लगभग 1.68 ट्रिलियन पाउंड (762 अरब किलोग्राम) है। यानी इसका वजन पूरी तरह से लोड किए गए लगभग 19 लाख बोइंग 747-400 विमानों के बराबर है।

न्यूयॉर्क शहर के डूबने की दर 1 से 2 मिलीमीटर प्रतिवर्ष 

अध्ययन दल ने जमीन पर ऊंची इमारतों के वजन के प्रभावों की गणना करने के लिए सिमुलेशन का इस्तेमाल किया और वास्तविक भूविज्ञान सतह दिखाने वाले उपग्रह डेटा के साथ इसकी तुलना की। उस विश्लेषण से पता चला कि शहर किस दर से डूब रहा है। टॉम पार्सन्स ने कहा,"औसतन लगभग 1 से 2 मिलीमीटर प्रति वर्ष की दर से न्यूयॉर्क शहर डूब रहा है। कुछ क्षेत्रों में डूबने की रफ्तार (अवतलन दर) इससे भी ज्यादा लगभग 4½ मिलीमीटर प्रति वर्ष है।" 

48 में से 44 क्षेत्र में हो रहा अवतलन

अवतलन प्राकृतिक या कृत्रिम कारणों से पृथ्वी की सतह के नीचे धंसने या डूबने की एक प्रक्रिया को बताने वाला तकनीकी शब्द है। सितंबर 2022 के एक अध्ययन में पाया गया था कि दुनिया के 48 सबसे अधिक आबादी वाले तटीय शहरों में से 44 ऐसे क्षेत्र हैं, जो समुद्र के स्तर की तुलना में तेजी से डूब रहे हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि निचले शहर मैनहट्टन, ब्रुकलिन और क्वींस के कुछ क्षेत्र औसत दर से अधिक तेजी से डूब रहे हैं।

अवतलन से क्या-क्या खतरा

न्यूयॉर्क शहर दुनिया के सबसे घनी आबादी वाले तटीय क्षेत्रों में से एक है, इसके महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे का एक बड़ा हिस्सा निचले इलाकों में निर्मित है। इसलिए यहां खतरा और बढ़ गया है। अगर शहर का अवतलन जारी रहा तो समुंदर का पानी शहर में घुस सकता है और जनजीवन तबाह हो सकता है। इसके अलावा शहर का इकोलॉजी सिस्टम नष्ट हो सकता है। इस अध्ययन से दुनिया भर के तटीय शहरों पर खतरा बढ़ गया है, जहां ऊंची-ऊंची इमारतें हैं।

भारत की स्थिति 

भारत के तटीय शहरों खासकर मुंबई, चेन्नई और कोलकाता इस खतरे की जद में आ सकता है। बता दें कि भारत के समुद्र तटीय राज्यों में गुजरात, महाराष्ट्र, गोवा, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, ओडिशा और पश्चिम बंगाल आते हैं, जबकि चार तटीय केंद्र शासित प्रदेश पुदुचेरी, लक्षद्वीप, दमन और दीव और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह हैं। इन राज्यों में भी यह खतरा मंडरा सकता है।